कुछ रिश्ते साथ छोड़ देते हैं !!!


मुश्किलें बहुत बढ़ जाती हैं
वक़्त बेहद नाजुक हो जाता है 
जिम्मेदारियां थक जाती हैं
आहों भरी सदायें निकलती हैं 
नम आँखें भी बंजर हो जाती हैं 
रातें दर्द से फफक कर रो पड़ती हैं 
पल दर्द की पनाहों में जा बैठता है 
खिड़कियां, दरवाजे, राहें खो जाती हैं 
दो रूहों की दिशाएं बदल जाती हैं 
मजबूरन दिल इजाजत दे देता है 
उदासियों से खुद को भर लेता है 
और कुछ रिश्ते , खूबसूरत रिश्ते
यूँ ही चुपचाप साथ छोड़ देते हैं !!

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