चूमने को जी चाहता है !!!

एक खूबसूरत  सा आलम देखने को  जी चाहता है ।
आज फिर गाँव लौट जाने को जी  चाहता है ।
मखमली घास और उन पर ओस की   बूंदें
सूरज की मद्धिम रोशनी और चमचमाती  ये बूंदें
इन्हें हाथों  में ले  चूमने  को  जी  चाहता है
आज फिर गाँव लौट जाने को जी  चाहता है ।
झूमती बलखाती वो सरसों की बलियां
उन पर खिलते नाजुक फूलों की कलियाँ
उन्हें बाहों में ले संग झूमने को जी चाहता है
आज फिर गाँव लौट जाने को जी  चाहता है ।