बहुत करीब से जानता हूँ उसको !!!

मै जानता हूँ
बहुत करीब से जानता हूँ उसको,
उसकी मासूम सी हंसी में
उसके मुरझाये ओंठो को
अपनी आँखों से छुआ है मैंने |
उसके हाथों के ठंडे स्पर्श में
उसकी गर्म साँसों को
अपनी धड़कन से सुना है मैंने |
पागल सी उसकी बातों में
छुपे अपनेपन के अंदाज को
अपने ओंठों से पिया है मैंने |
उसकी अल्हड़ सी जवानी में
उसके बचपन की कहानी को
पूरे दिल से जिया है मैंने |
हाँ, मै जानता हूँ ,
बहुत करीब से जानता हूँ उसको |


वो आप की बाहों में हो |

हर दिन खिला हुआ तो  फूलों सी महक रातों में हो |
सोचो किसी सितारे को और चाँद आपके हाथों में हो |
क्या हकीकत क्या सपना, एक नींद का ही तो फर्क है
आँख खोलो तो मिल जाए वो, जो आपके ख़्वाबों में हो |
बात बोलो नज़ारे हसें, मुस्कुरा दो तो शाम हो जाए,
फिजा दीवानी हो आपकी, ख़ुशी आपके क़दमों में हो |
जो अधूरा रह गया, रह गया,अब इतना कर दो मौला
जिसे पूरे दिल से मांगों आप, वो आप की बाहों में हो |