धीरे धीरे देखो शाम जा रही कहीं
तारों को लेके संग, है रात आ रही
चाँद मेरे छत पे आ, बुला रहा
हमें
चांदनी दे रही छाँव है हमें
ठंडी ठण्डी सी बयार गीत गा रही
नींद गा के लोरियाँ हमें सुला रही
ऐसे में तुम उठो, जरा सा निगाह लो मुझे
बहक रहा हूँ मैं जरा, संभाल लो मुझे
फिर लेके तुम चलो मुझे कहीं ऐसे जहाँ
झूमती हो फिजा, पारियां नाचती हो वहां
फिर लेके बाहों में मुझे झूल जाना तुम
आँखों में बसा के, सीने से लगाना तुम
जब रात हो आधी , मेरे पास आना तुम
लेके हाथ मेरा, अपने गालों पे लगाना तुम
यूँ ही साथ साथ सारी रात घूमेंगे हम
हो जुदा ये दुनिया सारी, जुदा कभी न होंगे हम ...
जुदा कभी न होंगे हम ,,,
जुदा कभी न होंगे हम !!!
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