कोई भीड़ में रोता है
तो कोई तन्हाई में हँसता है मेरे यारा |
तू भी अब सोच मत,
जिन्दगी जैसी है बस जी ले मेरे यारा |
माना वो बहुत खूबसूरत
थे, तेरे अपने थे, मगर अब क्या हो ?
वो सपने दिन के थे
और अब तो साँझ हो गयी है मेरे यारा |
यकीनन वो बादल फिर
से आयेंगे और बरसेंगे झूम-झूम कर
जो बिखर गये पानी
बनकर, उनका अफ़सोस मत कर मेरे यारा |
और ये यादों की
साजिश तो सदियों से रचता आया है ये जहाँ,
भूलकर सब तू आगे
बढ़ता जा, पीछे मुड़ कर न देख मेरे यारा |
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