जब भी तुम्हे देखा दिल ने कहा कुछ लिखूं
तेरी खूबसूरती लिखूं ,कि तेरी अदा लिखूं ।
तेरी आँखों की उठती पलकों से निखरी सुबह
या तेरी झुकती पलकों में छुपी शाम लिखूं ।
तेरी रेशम सी लहराती जुल्फों से बरसती घटा
या तेरी खामोश जुल्फों से उतरी छांव लिखूं ।
महफ़िलो में तेरे हुस्न से बनायीं हुई गजल
और तन्हाई में कोरे पन्नो पर तेरा नाम लिखूं ।
तेरी खूबसूरती लिखूं ,कि तेरी अदा लिखूं ।
तेरी आँखों की उठती पलकों से निखरी सुबह
या तेरी झुकती पलकों में छुपी शाम लिखूं ।
तेरी रेशम सी लहराती जुल्फों से बरसती घटा
या तेरी खामोश जुल्फों से उतरी छांव लिखूं ।
महफ़िलो में तेरे हुस्न से बनायीं हुई गजल
और तन्हाई में कोरे पन्नो पर तेरा नाम लिखूं ।
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