जब सुबह अधखिली धूप में आपकी याद आये !!!

जब सुबह  अधखिली धूप में आपकी याद आये 
तुम्हारी ये खिलती मुस्कान मेरे मन को हंसा जाये ।
 जब दोपहर की बढती तमाजत में मेरा दिल न लगे
हवा का गर्म झोका मेरे तन को तेरा अहसास दिला जाये ।
जब शाम की चुभती ख़ामोशी मुझे तडपाने लगे          
चुपके  से आपकी आवाज आये और बदन को गुदगुदा जाये ।
जब अकेले तनहा  चांदनी रातों में मुझे नींद न आये
काश कोई मेरे सपनो में आकर मुझे आहिस्ते   से सुला जाये ।


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