सुबह सुबह ओस की बूंदों में
दोपहर धूप की अगड़ाई में
शाम फूलों की खुशबू में
तुम ही तुम नजर आते हो
कहीं भी जाऊं ,कहीं भी रहूँ
नींद में रहूँ या, होश में रहूँ
पास या तुझसे बहुत दूर रहूँ
हर जगह ,हर वक्त ,सब कहीं
اतुम ही तुम नजर आते हो
मुझे पता है,खबर तुम्हे भी है,
पर समझ नहीं आता ,कैसे कहूँ
कि तुम हर पल याद आते हो ।
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