मुझे पहचान लो , हवा का झोंका हूँ ,
तेरे गलियारे में घूमता रहता हूँ ।
तेरे खनकती पाजेब की धुन पर
बिन संगीत बहकता रहता हूँ ।
कभी तेरी साँसों में छुपकर तो कभी
तेरे आँचल से महकता रहता हूँ ।
तेरी नीली नीली झील सी आँखों में
तैरता ,तो कभी मचलता रहता हूँ ।
मुझे पहचान लो , हवा का झोंका हूँ ,
तेरे गलियारे में घूमता रहता हूँ ।
No comments:
Post a Comment