मै जानता हूँ
बहुत करीब से जानता
हूँ उसको,
उसकी मासूम सी हंसी
में
उसके मुरझाये ओंठो
को
अपनी आँखों से छुआ
है मैंने |
उसके हाथों के ठंडे
स्पर्श में
उसकी गर्म साँसों को
अपनी धड़कन से सुना
है मैंने |
पागल सी उसकी बातों
में
छुपे अपनेपन के
अंदाज को
अपने ओंठों से पिया
है मैंने |
उसकी अल्हड़ सी जवानी
में
उसके बचपन की कहानी
को
पूरे दिल से जिया है
मैंने |
हाँ, मै जानता हूँ ,
बहुत करीब से जानता
हूँ उसको |