उसकी देह तप रही है | उसका माथे पर पसीने की बूंदे ठहरी हुई हैं और कभी
ज्यादा बोझ हो जाने से बह भी जाती हैं | सर्दी से उसके गले में खराश हो गयी
है और उसके सिर में इतना दर्द है कि सहन न होने से वह अक्सर कराह उठती है |
मगर वह खुश है क्योंकि वह उम्मीद कर रही है कि यह सुनकर उसे देखने, उससे
मिलने वो आएगा जिसे देखे हुए उसे अरसा हो गया है | वो आएगा और उसे अपनी
बाहों में समेट लेगा, उसे सहारा देगा, सांत्वना देगा, उसकी देखभाल करेगा और
इन सब से बढ़कर वो दोनों फिर से एक हो जायेंगे | फिर से मुहब्बत
की कलियाँ खिलेंगी | फिर से दिल जवां होंगे | फिर से एक ही थाली में दोनों
खाना खायेंगे और फिर से दोनों एक ही गिलास से पानी पियेंगे | वह अपना
मनपसंद धारावाहिक देखने के लिए टीवी खोलेगी मगर वह उसके हाथ से रिमोट छीनकर
चैनल बदल देगा | वह मोटरसाइकिल पर बिठाकर उसे घुमाने ले जायेगा और रस्ते
में जान बूझ कर तेजी से ब्रेक मारेगा | सड़क के किनारे रूककर वह नारियल पानी
वाले से पूछेगा कि भैया नारियल पानी कितने का है ? कीमत मालूम होने पर वह
बस एक ही नारियल खरीदेगा जिसमे २ स्ट्रॉ होंगे | झील के किनारे पहुंचकर वह
उसे पानी में गिराने के लिए धेकेलेगा और खुद ही रोक लेगा |
लेकिन ऐसा
कुछ भी नही होता | उससे मिलने कोई नही आता | उसका खुद को इस कदर बीमार करना
अब व्यर्थ सा लगने लगता है | अब उसकी आँखों में उम्मीद की जगह पानी की कुछ
ठहरी हुई बूँदें है जिन्हें वह बहाना नहीं चाहती | अब वह उदास है, अब उसे
दर्द हो रहा है जिसे वह अपनी धमनियों में महसूस करती है | लेकिन यह दर्द
उसके बीमार बदन की वजह से नहीं है | यह दर्द तो उसकी आत्मा में हो रहा है
जो उसे इस दुनिया में रहने वाले हाड मॉस से बने लोगों ने दिए हैं | जो हर
बार यह दिखावा करते हैं कि वह उसके अपने हैं लेकिन वास्तविकता इससे भिन्न
होती है | वह तो बस किसी नाजुक सी लड़की का दिल तोड़ सकते हैं, उसकी भावनाओं
के साथ खिलवाड़ कर सकते हैं और इस अहसास के साथ जीने के लिए छोड़ सकते हैं कि
इंसान का साथ बस दर्द ही दे सकता है | वह यह जान लेती है की इस दुनिया में
अपने सिवा और कोई अपना नही है | वह उन सब से नफरत करना चाहती है जिसे कभी
उसने प्यार किया था, अपना माना था, जिनके सपनों के साथ उसने अपने भी सपने
जोड़ दिए थे, जिनके साथ वह आसमान में कभी बड़ी दूर तक उड़ी थी |
वह उदास
होती है, वह हंसती भी है | वह दुआएं देती है, वह गालियाँ भी देती है | वह
बोलती है, वह खमोश भी रहती है | वह देखती भी है, अनदेखा भी करती है | वह
चलती है, वह ठहर भी जाती है | वह लोगों से मिलती है, वह अकेले भी रहती है |
वह प्यार करती है, वह नफरत भी करती है | हाँ, वह सब करती है जो एक दूसरे
के विपरीत हैं | हाँ, वह अब जीना सीख गयी है |