किसी की याद में और कितना जागोगे
अब सो भी जाओ यारों बड़ी रात हुई ।
सुबह उठकर बताना न भूलना
सपने में किस-किस से क्या बात हुई ।
शायद मुझे सुनने को मिल जाये ।
यार आज तो जिन्दगी से मुलाकात हुई ।
“शब्द” आत्मा लेखन की | “अहसास” ताकत लेखन की | “अनुभव” गहराई लेखन की | जब शब्द, अहसास और अनुभव का समावेश होता है तो बनती है एक कहानी, एक नज़्म, एक कविता या कोई ग़ज़ल | नज़्म, गीत, ग़ज़ल, कहानी जो दिल से होकर रूह तक को भिगो दें | आपको हमको भिगो दें | ऐसी ही अहसासों, भावनाओं से ओत-प्रोत“चाँद पराया है” में आप सभी का हार्दिक स्वागत है !!!