दिल में जो अरमान सिमटे है अब तक ,आज उनको पूरा हो जाने दो ।
अब और न रोको इस दिल के पंछी को ,उन्मुक्त गगन है उड़ जाने दो ।
कुछ कहना है उनसे , कुछ सुनना है उनसे, हम बस यही सोचते रह जाते है
कभी नजरे मिलाते कभी नजरे चुराते , जाने कब रात के साये में घिर जाते है
दिल में जो बात छिपी है बरसो से , आज लबो पर आ जाने दो ।
अब और न रोको इस दिल के पंछी को ,उन्मुक्त गगन है उड़ जाने दो ।
ये वक्त भी कैसा शायर है , जाने क्या - क्या लिखता रहता है
कल कहता था सपने झूठे होते है अब सपने ही सपने दिखाते रहता है
अब भूल भी जाओ बीती बाते , खुद को सपनो से घिर जाने दो ।
अब और न रोको इस दिल के पंछी को ,उन्मुक्त गगन है उड़ जाने दो ।
इन भीगी भीगी आँखों में चंद दिनों से , इक तस्वीर तैरती रहती है
आँखों में ठहरे पानी से वो और भी धुंधली होती जाती है
सब कुछ मिटने से पहले इन पानी को मोती कर बन ढल जाने दो ।
अब और न रोको इस दिल के पंछी को ,उन्मुक्त गगन है उड़ जाने दो ।