मुझे पहचान लो, हवा का झोंका हूँ !!!

तेरे  आस पास हूँ मै
मुझे पहचान लो , हवा का झोंका हूँ ,
तेरे गलियारे  में घूमता रहता  हूँ ।
तेरे खनकती पाजेब की धुन पर
बिन संगीत थिरकता रहता हूँ । 
कभी तेरी साँसों में छुपकर तो कभी
तेरे आँचल से महकता रहता हूँ ।
तेरी नीली नीली झील सी आँखों में
 तैरता ,तो कभी बहकता रहता हूँ ।
तेरी घनी बलखाती जुल्फों के संग
उछलता तो कभी झूलता रहता हूँ ।
मुझे पहचान लो , हवा का झोंका हूँ ,
तेरे गलियारे  में घूमता रहता  हूँ ।

दिल ने कहा कुछ लिखूं !!!

                                                        
जब भी तुम्हे देखा दिल ने कहा कुछ लिखूं
तेरी खूबसूरती  लिखूं ,कि तेरी अदा  लिखूं ।
तेरी आँखों की उठती पलकों से निखरी सुबह
या तेरी झुकती पलकों में छुपी शाम  लिखूं ।
तेरी रेशम सी लहराती जुल्फों से बरसती घटा
या तेरी खामोश जुल्फों से उतरी छांव लिखूं ।
महफ़िलो में तेरे  हुस्न से बनायीं हुई गजल
और तन्हाई में कोरे पन्नो पर तेरा नाम लिखूं ।

मुझे भी मोहब्बत है उनसे !!!

                                                             मुझे भी मोहब्बत है उनसे
यूँ जो रोज मेरी गलियों से गुजरा करती हैं  |
सबको देख सलाम पर मुझसे परदा  करती  है
जब भी  कभी किस्मत दे जाती है कोई मौका 
चुपके-चुपके उनकी नजरें मुझे देखा करती है  
कभी सुबह तो कभी शाम ,किसी बहाने से
 तेरे हाथों मुझे पैगाम भेजा करती है ,ये हवा
जा कह दे उन्हें ,मुझे भी मोहब्बत है उनसे