जिन्दा हो तो जिन्दगी है !!

जिन्दा हो तो जिन्दगी है, रफ़्तार की अब क्या कहें ?
कभी धीमी, कभी तेज तो कभी ठहर जाती है जिन्दगी | 
तनहा सफ़र,आँखें रुखी,ओंठ प्यासे, हर कदम में सूनापन 
हमसफ़र मिलता नहीं कि सुहानी हो जाती है जिन्दगी |
कोई हर वक़्त साथ रहा, और दोस्त भी न बन पाया  
किसी को एक लम्हे में अपना बना जाती है जिन्दगी |
कैसी माया है ये कि एक पल में कोई जी लेता है सदियाँ
अफ़सोस, किसी के लिए वहीँ छोटी पड़ जाती है जिन्दगी |

हर जर्रे में हमारी दास्ताँ हो !!!

मदहोशी का आलम हो, न सुबह, न शाम हो
तू सामने रहे नजर के, न भूख हो, न प्यास हो |
हर गुफ्तगू तेरी हो, पर एक चाहत मेरी हो
मैं सुन लूँ तुझे, तू आवाज हो चाहे बे-आवाज हो |
तेरे आंसू मेरे बने, मेरी हंसी तुझपे मरे
ख़ुशी तेरी मुट्ठी में हो, मेरा वक़्त तेरा गुलाम हो |
मुझे कोई अच्छा न लगे, कभी कुछ बुरा न लगे
ऐतबार हो तो तुझपर हो, रुसवाई हो तो तुझसे हो |
लहर चींखें देखकर मुझे, साहिल मुझसे तेरा नाम पूछे 
हर तरफ हमारा शोर हो, हर जर्रे में हमारी दास्ताँ हो |