जिंदगी बहुत खूबसूरत है !!!


सूनी  बंजर राहों पर चलता
 कभी मंजिल ढूंढ़ता ,
तो कभी रहने को  ठिकाना ,
 गमो के घने बदलो के बीच
ख़ुशी की एक रौशनी ढूंढ़ता
हतास ,जिन्दगी से परेशान
बहुत परेशान  था ,मै 
कि एक शाम एक मोड़ आया
और राह ले आई मुझे तुम्हारे पास
तुम्हारी छांव तले राह आसान हो गयी
नज़ारे हसीन  लगने लगे
मन जीवंत हो उठा
तुम्हारी हसीं में मैंने खुद को
मुस्कुराते हुए देखा तो लगा
जिन्दगी बहुत खुबसूरत है ।
हसीन  है ,जीने लायक है ।

झोपड़े के झरोखों से झांकता वो चाँद !!


   रात के अंधेरों में
  झोपड़े के झरोखों से
  झांकता वो चाँद
 बहुत खूबसूरत ,उजला
 कुछ दाग जरूर हैं उसमे
 पर है वो बहुत मासूम
 न  जाने  कहाँ ,किधर
 ख्यालों में खोया हुआ
 बस भटकता रहता है ।
 तलाश नही है उसे किसी की
 फिर भी न जाने क्यों ।
 अच्छी लगने लगी हैं उसे अब
 ये रात की खामोशियाँ
 ये जागती हुई तन्हाइयां ।
 सूरज की  आहत  मिलते ही
 न जाने कहाँ किधर
 पर  छुप जाता है वो ।
 डरता नही है वो किसी से
 पर  वो रहना ही नही चाहता
 इन उजालों में ।
 शायद इन उजालों की  चकाचौंध ने
 बहुत परेशान किया है उसे
 बहुत सताया है उसे ।
 अब इन सब से दूर
  इन उजालों से बेखबर
 नीले-नीले आसमां के तले
 जगमगाते सितारों के दुनिया में
  रहता है वो ,वही से हंसता  है वो ।

जी करता है !!!

जी करता है तेरे लिए कभी सावन से मांगकर बहार लाऊं ।
 तो कभी रात में नाचती परियों का चुरा कर निखार  लाऊं ।
 तेरा मासूम चेहरा ,नादान आँखें जिन्हें देख जी करता है '
 कभी जाऊं और खुद से मांगकर तेरे लिए  दुआएं हजार लाऊं ।
 इस मखमली सी रात में ये टिमटिमाते तारे कह रहे है इशारों में,
 इन  सितारों से बना  तेरे लिए एक खुबसूरत सा हार लाऊं ।
 तू  जो देख ले बस एक नजर कभी मेरी तरफ भी प्यार से
 खुद को गिरवी रख मै , तेरे लिए  जिन्दगी उधार  लाऊं ।