यादों का बसेरा !!

अपने नन्हे से दिल में एक घोसला बनाया हमने
आपकी  यादो का  बसेरा  उसे  बनाया  हमने ।
छोटे से मन में जाने क्या-क्या  अरमान जगाया  तुमने
उन्ही अरमानो को अपने जीने का मकसद बनाया हमने ।
 दिन और रात  कितने ही  पल मेरे साथ बिताया तुमने 
 प्यार से हर लम्हे को इस  दिल में  बसाया  हमने ।
प्यार क्या होता है यह  भी तो मुझे बताया तुमने
दुनिया को  छोड़ आपको  सीने से लगाया हमने ।
उड़ने पर वापस  आने का झूठा ख्वाब दिखाया तुमने 
 इन्तजार में घोसले को और भी तहजीब से सजाया हमने ।

चूमने को जी चाहता है !!!


एक खूबसूरत  सा आलम देखने को  जी चाहता है ।
आज फिर गाँव लौट जाने को जी  चाहता है ।
मखमली घास और उन पर ओस की  बूंदें
सूरज की मद्धिम रोशनी और चमचमाती  ये बूंदें
इन्हें हाथों  में ले  चूमने  को  जी  चाहता है
आज फिर गाँव लौट जाने को जी  चाहता है ।
झूमती बलखाती वो सरसों की बलियां
उन पर खिलते नाजुक फूलों की कलियाँ
उन्हें बाहों में ले संग झूमने को जी चाहता है
आज फिर गाँव लौट जाने को जी  चाहता है ।

जब चाँद ही मुझसे रूठ गया !!!

अब  शाम सुहानी आये तो  क्या, जब गुलशन मुझसे रूठ  गया
अब रात चांदनी बरसे तो क्या , जब चाँद ही मुझसे रूठ गया ।
आँख लगी थी आसमान पर, कब काले बादल  आएंगे 
अपनी कोमल कोमल  बूंदों  से , धरती को नहलाएँगे
हम झूमेंगे मस्ती  में,  संग - संग इतरायेंगे
 अब रोज घटा बरसे तो क्या, जब साथ ही तुमसे  छूट  गया ।
अब रात चांदनी बरसे तो क्या ,जब चाँद ही मुझसे रूठ गया ।
मुझे छोड़कर गर्दिश में ,सारी  दुनिया को अपनाया तुमने
जब भी चाहा तेरा बनना ,हर बार मुझे ठुकराया तुमने
जब भी चाहा सच सुनना  ,झूठ  बोल बहलाया तुमने 
अब बहुत करीब तुम आये तो क्या ,जब मन ही तुमसे रूठ गया ।
अब रात चांदनी बरसे तो क्या ,जब चाँद ही मुझसे रूठ गया ।