चाँद पराया है !

“शब्द” आत्मा लेखन की | “अहसास” ताकत लेखन की | “अनुभव” गहराई लेखन की | जब शब्द, अहसास और अनुभव का समावेश होता है तो बनती है एक कहानी, एक नज़्म, एक कविता या कोई ग़ज़ल | नज़्म, गीत, ग़ज़ल, कहानी जो दिल से होकर रूह तक को भिगो दें | आपको हमको भिगो दें | ऐसी ही अहसासों, भावनाओं से ओत-प्रोत“चाँद पराया है” में आप सभी का हार्दिक स्वागत है !!!

हाँ, तुम्हे देखा है हमने Happy !!!

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$*#@%$  ca-app-pub-2341236189713257/2238229536 महकती रात के आंचल से पिघलती चांदनी  जब जर्रे जर्रे में समा कर सिमटने लगी हो  दूर...
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अधूरा इश्क !!!

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अधूरे इश्क के बाद बचा उजाड़ जिस्म दर्द, उदासी और तन्हाई की पैरहन पहने अब ख़ामोश रहने लगा है, बहुत खामोश जैसे बसंत आने का ख्वाब आंखों ...
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हाँ, लौटना कठिन होता है !!!

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दिन ,माह, बरस बीत गए  तुम लौट कर नहीं आये  हाँ, लौटना कठिन होता है ! कितने दिनों से उदास चांदनी खिड़की से अंदर झांकती है  तुम्हे...

बेइंतहा मोहब्बत कीजिए !!!

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मोहब्बत कीजिए ! बेइंतहा मोहब्बत कीजिए ! खुले आसमान में उड़ते उन्मुक्त पंछियों की तरह आजाद मोहब्बत कीजिए ! साहिल से बार बार टकराती लहरों की त...

पुरसुकून सांस लेता है सांस छोड़ने वाला !!!

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फरिस्ता है इश्क में खुद को मिटाने वाला  अक्सर हँसता है आसुंओं में नहाने वाला ! मैं कब से मुड़ मुड़ के तनहा राहे देखता हूँ लौट कर ...
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Om Yadav
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